प्यारे इस्लामी भाइयों खुदाए रहमान अज़्ज़वजल का करोड़ करोड़ एहसान के उसने हमें माहे रमजान जैसी अज़ीमुश्शान नेमत से सरफ़राज़ फ़रमाया, “माहे रमजान के फैज़ान का क्या कहना इसकी तो हर घड़ी रहमत भरी है| रमज़ानुल मुबारक में हर नेकी का सवाब 70 गुनाह या इससे भी…